अनजानी सड़को पर यूँ ही घूमना अच्छा लगता है बिना वज़ह ,बस यूँ ही ! अनजानी सड़को पर यूँ ही घूमना अच्छा लगता है बिना वज़ह ,बस यूँ ही !
ना जाने क्यूँ रूठी हूं मैं, हर जगह से टूटी हूं मैं ! ना जाने क्यूँ रूठी हूं मैं, हर जगह से टूटी हूं मैं !
वो साथ हैं मेरे पर ज़ुबान ने कल पूछा था उनसे क्या रहोगे साथ हमेशा? जवाब कैसा था यह वो साथ हैं मेरे पर ज़ुबान ने कल पूछा था उनसे क्या रहोगे साथ हमेशा? जवा...
क्षितिज के तट पर जाकर हमको भूल जाता है क्षितिज को तकते-तकते हमको रोना आता है!! क्षितिज के तट पर जाकर हमको भूल जाता है क्षितिज को तकते-तकते हमको रोना आता है!!
पुरानी मान्यताएं जो चली आ रही हैं, उन्हें हम तोड़ नहीं पाते, जिसकी वजह से कई सवाल मन में उमड़ते हैं प... पुरानी मान्यताएं जो चली आ रही हैं, उन्हें हम तोड़ नहीं पाते, जिसकी वजह से कई सवा...
तू फिर खुदा ही क्यूँ हैं तू फिर खुदा ही क्यूँ हैं